top of page

कविता- तुम कर्मठ हो- मोनिका शर्मा (योग प्रशिक्षक)

Writer's picture: Kothari International SchoolKothari International School


तुम कर्मठ हो

तुम झुझारू, अनुशासित हो।

हर कठिनाई का उत्तर हो।

चले कर्मपथ, न रुको कभी,

हर ठोकर का संबल हो।


जो खो जाओ, भय मत करना

जो भटको, मत हलचल करना।

राहें खुद चलकर आएंगी,

तुम्हें तुम्हारा पथ दिखलाएगी ।


अंधियारों का हल तुम बनना,

तूफानों का बल तुम बनना।

हर झंझावात से लड़ जाओ,

अपनी गाथा कल तुम बनना।


राहें ऊबड़-खाबड़ होंगी,

सपने धुंधले, खामोशियां घनी।

पर कदम-कदम पर ज्योति बनो,

हर बाधा पर तुम अडिग बनो ।


कर्म तुम्हारा साथी होगा,

संग तुम्हारे वो चलता होगा।

हर पल की ठोकर, सीख बने,

तुम्हारा हौसला दृढ़ बनता होगा।


तो चलते जाओ, बढ़ते जाओ,

अपनी शक्ति से पथ रचते जाओ।

मंजिल तो तुमसे मिलेगी ही,

बस खुद पे विश्वास रखते जाओ।




















मोनिका शर्मा (योग प्रशिक्षक)

Kothari International School, Noida


 

40 views0 comments

Recent Posts

See All

Comments


bottom of page